प्रधानमंत्री कार्यालय के अवर सचिव द्वारा दायर किये गये हलफनामे में कहा गया है कि PM CARES फंड को सार्वजनिक और धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है। इसके गठन में भारत के संविधान, संसद या किसी राज्य विधानमंडल की कोई भूमिका नहीं है। यह ट्रस्ट किसी भी प्रकार से सरकारी स्वामित्व, नियंत्रण या फंडेड सरकारी उपक्रम नहीं है। हलफनामे में कहा गया है कि ट्रस्ट के कामकाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार या किसी भी राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
TPMO ने अपने जवाब में बताया है कि PMCARES फंड केवल व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा स्वैच्छिक दान स्वीकार करता है। यह सरकार के स्रोतों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बैलेंस शीट से आने वाले योगदान को स्वीकार नहीं करता है। पीएम केयर्स में दिए गए योगदान को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत छूट दी गई है, लेकिन यह इस निष्कर्ष को सही नहीं ठहराता है कि यह एक सार्वजनिक प्राधिकरण है।
TPMO ने अपने जवाब में बताया है कि PMCARES फंड केवल व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा स्वैच्छिक दान स्वीकार करता है। यह सरकार के स्रोतों या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बैलेंस शीट से आने वाले योगदान को स्वीकार नहीं करता है। पीएम केयर्स में दिए गए योगदान को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत छूट दी गई है, लेकिन यह इस निष्कर्ष को सही नहीं ठहराता है कि यह एक सार्वजनिक प्राधिकरण है।
पीएम केयर्स में दिए गए योगदान को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत छूट दी गई है, लेकिन यह इस निष्कर्ष को सही नहीं ठहराता है कि यह एक सार्वजनिक प्राधिकरण है।
अपने जवाब में आगे कहा कि इसको सार्वजनिक प्राधिकरण नहीं कहा जा सकता है क्योंकि जिस कारण से इसे बनाया गया था वह “विशुद्ध रूप से धर्मार्थ” है। और इसका प्रयोग किसी सरकारी परियोजना के लिए नहीं किया जाता है। यह किसी भी प्रकार से सरकार की किसी भी नीति से शासित नहीं होता है। इसलिए PMCARES को पब्लिक अथॉरिटी के रूप में लेबल नहीं किया जा सकता है।
जैसे पीएमएनआरएफ के लिए राष्ट्रीय प्रतीक और डोमेन नाम ‘gov.in’ का उपयोग किया जा रहा है, उसी तरह पीएम केयर्स फंड के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है.
हलफनामे में कहा गया है कि पीएम केयर्स ट्रस्ट में किए गए योगदान को अन्य निजी ट्रस्टों की तरह आयकर अधिनियम के तहत छूट प्राप्त है। पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है, इसमें व्यक्तियों और संस्थानों द्वारा लिया स्वैच्छिक दान शामिल है। इसमें केंद्र सरकार का किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं है। इसके अलावा, पीएम केयर्स फंड को सरकार द्वारा फंड प्राप्त नहीं होता है। पीएम केयर्स फंड में लिए गए अनुदान वेबसाइट “pmcares.gov.in” पर सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध हैं। इसकी ऑडिट रिपोर्ट भी पहले से ही इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
पीएम केयर्स की शुरुआत में ही कहा गया था कि इसके खातों का ऑडिट भी किया जाएगा, जिसका ब्योरा भी वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की मनमानी या गैर-पारदर्शिता के बारे में याचिकाकर्ता की धारणाएं दम से रहित हैं। पीएमओ ने यह तर्क भी दिया कि पीएम केयर्स फंड प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) की तर्ज पर प्रशासित किया जाता है, क्योंकि दोनों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।