रायपुर, 25 सितंबर (PIB Journalist)। छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने शनिवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकतर क्षेत्रों में हम सबका प्रारंभिक परिचय अपने माता की बोली भाखा छत्तीसगढी और अन्य स्थानीय बोली-भाषा से शुरू हुई, उसके बाद दूसरी भाषा से परिचय हुआ।
वह राजधानी रायपुर में राजभाषा आयोग द्वारा एक निजी होटल में आयोजित दो दिवसीय सातवें प्रातीय सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।
मंत्री डहरिया ने कंहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ महतारी का छायाचित्र तैयार करएक छत्तीसगढ़ को सम्मान दिलाने का कार्य किया है, वहीं छत्तीसगढ़ के राज्यगीत, राजकीय गमछा ने छत्तीसगढ़ और देश में एक अलग स्थान बनाया है। डहरिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रतिभा की कमी नहीं है, ऐसे प्रतिभाओं को मौका मिलने से राज्य एक अलग पहचान बनेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस विधायक कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि देश में लगभग 1652 प्रकार की मातृभाषा प्रकाश में है। सभी राज्य अपनी मातृभाषा पर गर्व करते हैं। हमारी छत्तीसगढ़ी में भी मिठास है, हम सभी को अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। निषाद आगे कहा कि जनता को दैनिक जीवन में छत्तीसगढी भाषा के उपयोग करना चाहिए।
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